अभ्यास गरुड़ शक्ति 2025: भारत-इंडोनेशिया का 10वां संयुक्त विशेष बल अभ्यास

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अभ्यास गरुड़ शक्ति 2025: भारत-इंडोनेशिया का 10वां संयुक्त विशेष बल अभ्यास

बकलोह, हिमाचल प्रदेश में शुरू – काउंटर-टेररिज्म और अंतरसंचालनीयता पर फोकस

शुरू: 3 दिसंबर 2025 • समाप्ति: 12 दिसंबर 2025 | भारतीय सेना

भारतीय सेना और इंडोनेशियाई सेना के बीच रक्षा सहयोग को नई ऊँचाई देने वाला अभ्यास गरुड़ शक्ति 2025 आज (3 दिसंबर 2025) से हिमाचल प्रदेश के बकलोह स्थित स्पेशल फोर्सेज ट्रेनिंग स्कूल में शुरू हो गया है। यह 10वां संस्करण दोनों देशों के विशेष बलों के बीच आपसी समझ और संयुक्त ऑपरेशन्स की क्षमता को मजबूत करने पर केंद्रित है।

मुख्य संदेश: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए भारत-इंडोनेशिया साझेदारी – हालिया रक्षा मंत्रियों की वार्ता के बाद यह अभ्यास महत्वपूर्ण कदम।

अभ्यास गरुड़ शक्ति: मुख्य तथ्य

10वां

संस्करण

द्विपक्षीय

प्रकार

भारत-इंडोनेशिया

भागीदार

3-12 दिसंबर

अवधि

  • स्थान: स्पेशल फोर्सेज ट्रेनिंग स्कूल, बकलोह, हिमाचल प्रदेश (सेमी-माउंटेनस इलाका)
  • भाग लेने वाली टुकड़ियाँ: भारत से पैरा स्पेशल फोर्सेज (लगभग 25 जवान), इंडोनेशिया से कोपासुस स्पेशल फोर्सेज (लगभग 25 जवान)
  • उद्देश्य: विशेष बलों के बीच आपसी समझ, सहयोग और अंतरसंचालनीयता को मजबूत करना – उभरते सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए

अभ्यास की प्रमुख गतिविधियाँ

ट्रेनिंग फोकस

  • काउंटर-टेररिज्म ड्रिल्स: आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन्स की योजना और निष्पादन
  • हेलिबोर्न मिशन्स: हेलीकॉप्टर से उतरना और हमला
  • कॉम्बैट शूटिंग: निकट दूरी की गोलीबारी अभ्यास
  • ड्रोन और C-UAS एम्प्लॉयमेंट: ड्रोन का उपयोग और काउंटर-अनमैन्ड एरियल सिस्टम
  • सर्जिकल स्ट्राइक प्लानिंग: सटीक हमलों की रणनीति, सेमी-माउंटेनस इलाके में
  • वैलिडेशन एक्सरसाइज: वास्तविक परिदृश्यों का सिमुलेशन – सहनशक्ति, समन्वय और तत्परता की जाँच

अभ्यास का इतिहास और महत्व

  • शुरुआत: 2012 में पहला संस्करण भारत में – तब से वैकल्पिक रूप से दोनों देशों में आयोजित
  • पिछला संस्करण (9वां): 2024 में इंडोनेशिया में – अंडरवाटर ट्रेनिंग, जंगल और अर्बन ऑपरेशन्स पर फोकस
  • रणनीतिक महत्व: भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडोनेशिया के साथ 75 वर्षीय कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करना
  • हालिया संदर्भ: इंडोनेशियाई रक्षा मंत्री की भारत यात्रा के बाद – समुद्री सुरक्षा, तकनीकी सहयोग और इंडो-पैसिफिक विजन पर जोर
  • लाभ: बेस्ट प्रैक्टिस शेयरिंग, संयुक्त क्षमता निर्माण, क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान
विशेष: 2024 को भारतीय सेना का “ईयर ऑफ टेक एब्जॉर्प्शन” – यह अभ्यास तकनीकी एकीकरण को बढ़ावा देगा।

आगे की राह

गरुड़ शक्ति जैसे अभ्यास भारत को वैश्विक सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण हैं। यह न केवल सैन्य सहयोग बढ़ाता है, बल्कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक विश्वास को भी मजबूत करता है।

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